शहीद दिवस : देशभक्तों को करें याद, भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु को करें सलाम ! भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की ये कहानी आपने नहीं सुनी होगी
भारत में शहीद दिवस 2 दिन मनाया जाता है। पहला 30 जनवरी और दूसरी बार 23 मार्च को हम शहीदों की कुर्बानी को याद करते हैं। 23 मार्च को भारत की तीनों असाधारण स्वतंत्रता सेनानियों- भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के बलिदानों को याद किया जाता है। हमारे देश को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले इन तीनों नायकों को अंग्रेजी हुकूमत ने 23 मार्च को ही फांसी पर लटका दिया गया था। ये तीनों ही भारत के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं। शहीद दिवस के मौके पर स्कूल-कॉलेज और दफ्तरों में वाद-विवाद, भाषण, कविता-पाठ और निबंध प्रतियोगिता जैसे कार्यक्रमों का आयोजन होता है। ऐसे में आइए हम आपको बताते हैं शहीद दिवस पर आप किस तरह के निबंध लिख सकते हैं।
ऐसे करें शुरुआत: किसी भी मौके पर जब ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन हो तो हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि सबसे पहले आप वहां मौजूद गणमान्य लोगों का अभिवादन करें और फिर अपना इंट्रोडक्शन दें। उसके बाद अपने विषय के बारे में संक्षिप्त रूप में बताएं। फिर भाषण या कविता शुरू करें। ठीक उसी तरह निबंध लिखने के समय भी आप अपने परिचय से ही शुरुआत करें।
निबंध में ये लिखें: शहीद दिवस भारत में उन लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिये मनाया जाता है जो भारत की आज़ादी, कल्याण और प्रगति के लिये लड़े और अपने प्राणों का बलिदान दे दिया। इसे हर वर्ष 30 जनवरी और 23 मार्च को पूरे भारत वर्ष में मनाया जाता है। भारत विश्व के उन 15 देशों में शामिल हैं जहां हर वर्ष अपने स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के लिये शहीद दिवस मनाया जाता है। 30 जनवरी को महात्मा गांधी व अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को नमन किया जाता है जबकि 23 मार्च को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि दी जाती है। यह दिन विजयी उत्सव होता है, सैन्य शक्ति नवीनतम हथियार उपलब्धि और विज्ञापन का प्रदर्शन करते है। साथ ही साथ, शहीदों को सम्मान देने के लिये अंतर-सेवा टुकड़ी और सैन्य बलों के जवानों द्वारा एक सम्मानीय सलामी दी जाती है।
भारत को आजादी दिलाने में अनगिनत क्रांतिकारियों का नाम याद किया जाता है लेकिन जब भी देशप्रेम की बात की जाती है, उन क्रांतिकारियों में सबसे पहले 23 मार्च 1931 को शहीद हुए भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु का नाम सबसे पहले जेहन में आता है।आज का दिन इन तीन क्रांतिकारियों को शहीद दिवस के रूप में समर्पित किया जाता है।आज के दिन को और भी खास मनाने के लिए आप अपने खास दोस्तों के साथ मशहूर शायरों की देशभक्ति भरी शायरी शेयर कर सकते हैं-
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है
– बिस्मिल अज़ीमाबादी
देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है
– बिस्मिल अज़ीमाबादी
हम अम्न चाहते हैं मगर ज़ुल्म के ख़िलाफ़
गर जंग लाज़मी है तो फिर जंग ही सही
– साहिर लुधियानवी
गर जंग लाज़मी है तो फिर जंग ही सही
– साहिर लुधियानवी
दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त
मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी
– लाल चन्द फ़लक
मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी
– लाल चन्द फ़लक
लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है
उछल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज़ादी
– फ़िराक़ गोरखपुरी
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